मित्र – ॐ मित्राय नमः।
रवि – ॐ रवये नमः।
सूर्य – ॐ सूर्याय नमः।
भानु – ॐ भानवे नमः।
खग – ॐ खगाय नमः।
पूषन् – ॐ पूष्णे नमः।
हिरण्यगर्भ – ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
मरीच – ॐ मरीचये नमः।
आदित्य – ॐ आदित्याय नमः।
सवित्र – ॐ सवित्रे नमः।
अर्क – ॐ अर्काय नमः।
भास्कर – ॐ भास्कराय नमः।
सूर्य के विभिन्न नाम और उनके अर्थ
हिन्दू धर्म में सूर्य को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। सूर्य को अलग-अलग नामों से संबोधित किया जाता है, जिनका विशेष अर्थ और महत्त्व होता है। प्रत्येक नाम सूर्य के किसी विशेष गुण या कार्य को दर्शाता है। नीचे सूर्य के विभिन्न नामों के साथ उनका संक्षिप्त अर्थ प्रस्तुत है:
मित्र – ॐ मित्राय नमः
मित्र का अर्थ है “मित्रता” या “दोस्ती”। सूर्य को मित्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह अपने प्रकाश से सभी जीवों के साथ मित्रता करता है और समान रूप से सभी को जीवन देता है।
रवि – ॐ रवये नमः
रवि का अर्थ है “प्रकाशक”। सूर्य को रवि कहा जाता है क्योंकि वह संसार को अपनी किरणों से प्रकाशित करता है और जीवन का स्रोत है।
सूर्य – ॐ सूर्याय नमः
सूर्य का सीधा अर्थ है “प्रकाश देने वाला”। सूर्य जगत का मुख्य स्रोत है और इसके बिना जीवन की कल्पना असंभव है।
भानु – ॐ भानवे नमः
भानु का अर्थ है “चमकने वाला”। सूर्य अपनी तेजस्विता और चमक के कारण भानु कहलाता है, जो सम्पूर्ण विश्व को रोशनी प्रदान करता है।
खग – ॐ खगाय नमः
खग का अर्थ है “आकाश में विचरण करने वाला”। सूर्य आकाश में निरंतर गमन करने वाला है, इस कारण से उसे खग कहा जाता है।
पूषन् – ॐ पूष्णे नमः
पूषन् का अर्थ है “पालन करने वाला”। सूर्य को पूषन् कहा जाता है क्योंकि वह समस्त जीव-जगत का पालन-पोषण करता है।
हिरण्यगर्भ – ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
हिरण्यगर्भ का अर्थ है “स्वर्ण गर्भ वाला”। सूर्य को हिरण्यगर्भ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह अपनी स्वर्णिम किरणों से सम्पूर्ण संसार को ऊर्जा प्रदान करता है।
मरीच – ॐ मरीचये नमः
मरीच का अर्थ है “किरण”। सूर्य की किरणें जीवन के हर कोने में पहुंचती हैं, इसलिए उन्हें मरीच कहा जाता है।
आदित्य – ॐ आदित्याय नमः
आदित्य का अर्थ है “आदित्या का पुत्र”। पुराणों के अनुसार, आदित्य देवताओं में एक प्रमुख देवता हैं और सूर्य उनका प्रतिनिधित्व करते हैं।
सवित्र – ॐ सवित्रे नमः
सवित्र का अर्थ है “सृष्टि करने वाला”। सूर्य को सवित्र कहा जाता है क्योंकि वह संसार की सृष्टि और पालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अर्क – ॐ अर्काय नमः
अर्क का अर्थ है “उपचारक” या “चिकित्सक”। सूर्य की किरणें स्वास्थ्य और जीवन शक्ति प्रदान करती हैं, इसलिए उसे अर्क कहा जाता है।
भास्कर – ॐ भास्कराय नमः
भास्कर का अर्थ है “प्रकाश फैलाने वाला”। सूर्य अपने प्रकाश से अंधकार को दूर करता है और जीवन के सभी क्षेत्रों में रोशनी लाता है, इसलिए उसे भास्कर कहा जाता है।
निष्कर्ष
सूर्य के विभिन्न नाम उनके अलग-अलग गुणों और कार्यों को दर्शाते हैं। हर नाम में सूर्य के महत्त्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया गया है, जो मानव जीवन के लिए अनिवार्य हैं।