ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: ।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
ॐ सूर्याय नम: ।
ॐ घृणि सूर्याय नम: ।

सूर्य के मंत्र और उनका अर्थ

हिंदू धर्म में सूर्य देवता को अत्यधिक पूजनीय माना गया है। सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन शक्ति का स्रोत माना जाता है। नीचे दिए गए मंत्रों का जाप सूर्य देवता की उपासना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

मंत्र 1:

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

अर्थ:

यह मंत्र सूर्य देव की स्तुति करता है। इस मंत्र का भाव है, “हे सहस्रों किरणों वाले सूर्य, हे जगत के स्वामी, अपनी अनुकंपा से मुझे आशीर्वाद दें और मेरी भक्ति स्वीकार करें। हे दिवाकर, कृपया इस अर्घ्य को स्वीकार करें।”

मंत्र 2:

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

अर्थ:

इस मंत्र में “ह्रीं” और “क्लीं” बीज मंत्र हैं, जो शक्ति और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। “घृणिः” सूर्य का विशेषण है, जो उसकी गरिमा और तेज को दर्शाता है। इस मंत्र के माध्यम से सूर्य देव की कृपा और उनकी ऊर्जा का आवाहन किया जाता है।

मंत्र 3:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

अर्थ:

इस मंत्र में “ह्रीं” शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है, जो शक्ति और उर्जा का द्योतक है। इस मंत्र द्वारा सूर्य देव को नमस्कार करते हुए उनसे शक्ति और आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।

मंत्र 4:

ॐ सूर्याय नमः।

अर्थ:

यह एक साधारण और प्रभावी मंत्र है, जिसमें सूर्य देव को नमस्कार किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सूर्य की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में उर्जा, शक्ति और समृद्धि प्रदान करता है।

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मंत्र 5:

ॐ घृणि सूर्याय नमः।

अर्थ:

इस मंत्र में “घृणि” का अर्थ है प्रकाश और तेजस्विता। इस मंत्र द्वारा सूर्य देव की गरिमा और प्रकाश का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया जाता है। यह मंत्र ध्यान और आत्मिक शांति के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।

निष्कर्ष:

सूर्य मंत्रों का जाप व्यक्ति की आंतरिक शक्ति को जाग्रत करता है और उसे मानसिक, शारीरिक और आत्मिक ऊर्जा प्रदान करता है। सूर्य देव को समर्पित इन मंत्रों के माध्यम से हम उनके तेज, प्रकाश और कृपा को अपने जीवन में आमंत्रित करते हैं। इन मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

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